सूरत 5: 28-31 (मैदा) | उत्पत्ति 4: 1-12 |
उन्हें आदम के दो बेटों की कहानी की सच्चाई बताइए। देखो! उन्होंने प्रत्येक को एक यज्ञ प्रस्तुत किया (अल्लाह से: यह एक से स्वीकार किया गया था, लेकिन दूसरे से नहीं। उत्तरार्द्ध ने कहा: “यकीन है कि मैं तुम्हें मार दूंगा।” “निश्चित रूप से,” पूर्व ने कहा, “(अल्लाह) ने स्वीकार नहीं किया जो लोग धर्मी हैं, उनका बलिदान ।२ ९। “यदि आप ने मेरे खिलाफ अपना हाथ बढ़ाया है, तो मुझे मार डालना, यह मेरे लिए नहीं है कि मैं तुम्हारे खिलाफ अपना हाथ बढ़ा दूं कि तुम को मार डालो: क्योंकि मैं अल्लाह से डरता हूं, संसार का पालन-पोषण करता हूं .30। “मेरे लिए, मैं तुम्हें अपने पाप के साथ-साथ अपने पाप के लिए आकर्षित करने का इरादा रखता हूं, क्योंकि तुम आग के साथियों में से हो, और यह गलत काम करने वालों का प्रतिफल है।” ) दूसरे की आत्मा ने उसे अपने भाई की हत्या के लिए प्रेरित किया: उसने उसकी हत्या कर दी, और (खुद) खोए हुए लोगों में से एक बन गया। फिर अल्लाह ने एक रावण भेजा, जिसने जमीन को खरोंच दिया, उसे दिखाने के लिए कि कैसे उसे शर्म की बात छिपानी पड़े। भाई। “हाय मैं हूँ!” उन्होंने कहा, “क्या मैं भी इस रैवेन के रूप में सक्षम नहीं था, और अपने भाई की शर्म को छिपाने के लिए?” फिर वह पछतावा से भर गया- | आदम और उसकी पत्नी हब्बा के बीच शारीरिक सम्बन्ध हुए और हब्बा ने एक बच्चे को जन्म दिया। बच्चे का नाम कैन रखा गया। हब्बा ने कहा, “यहोवा की मदद से मैंने एक मनुष्य पाया है।” 2 इसके बाद हब्बा ने दूसरे बच्चे को जन्म दिया। यह बच्चा कैन का भाई हाबिल था। हाबिल गड़ेरिया बना। कैन किसान बना। पहली हत्या 3-4 फसल के समय[a] कैन एक भेंट यहोवा के पास लाया। जो अन्न कैन ने अपनी ज़मीन में उपजाया था उसमें से थोड़ा अन्न वह लाया। परन्तु हाबिल अपने जानवरों के झुण्ड में से कुछ जानवर लाया। हाबिल अपनी सबसे अच्छी भेड़ का सबसे अच्छा हिस्सा लाया।[b] यहोवा ने हाबिल तथा उसकी भेंट को स्वीकार किया। 5 परन्तु यहोवा ने कैन तथा उसके द्वारा लाई भेंट को स्वीकार नहीं किया इस कारण कैन क्रोधित हो गया। वह बहुत व्याकुल और निराश[c] हो गया। 6 यहोवा ने कैन से पूछा, “तुम क्रोधित क्यों हो? तुम्हारा चेहरा उतरा हुआ क्यों दिखाई पड़ता है? 7 अगर तुम अच्छे काम करोगे तो तुम मेरी दृष्टि में ठीक रहोगे। तब मैं तुम्हें अपनाऊँगा। लेकिन अगर तुम बुरे काम करोगे तो वह पाप तुम्हारे जीवन में रहेगा। तुम्हारे पाप तुम्हें अपने वश में रखना चाहेंगे लेकिन तुम को अपने पाप को अपने बस में रखना होगा।”[d] 8 कैन ने अपने भाई हाबिल से कहा, “आओ हम मैदान में चलें।”[e] इसलिए कैन और हाबिल मैदान में गए। तब कैन ने अपने भाई पर हमला किया और उसे मार डाला। 9 बाद में यहोवा ने कैन से पूछा, “तुम्हारा भाई हाबिल कहाँ है?” कैन ने जवाब दिया, “मैं नहीं जानता। क्या यह मेरा काम है कि मैं अपने भाई की निगरानी और देख भाल करूँ?” 10 तब यहोवा ने कहा, “तुमने यह क्या किया? तुम्हारे भाई का खून जमीन से बोल रहा है कि क्या हो गया है? 11 तुमने अपने भाई की हत्या की है, पृथ्वी तुम्हारे हाथों से उसका खून लेने के लिए खुल गयी है। इसलिए अब मैं उस जमीन को बुरा करने वाली चीजों को पैदा करूँगा। 12 बीते समय में तुमने फ़सलें लगाईं और वे अच्छी उगीं। लेकिन अब तुम फसल बोओगे और जमीन तुम्हारी फसल अच्छी होने में मदद नहीं करेगी। तुम्हें पृथ्वी पर घर नहीं मिलेगा। तुम जगह जगह भटकोगे।” |