नबी हज़रत इल्यास (या एलियाह) के नाम का ज़िक्र तीन बार सूरा अल –-अनआम और अस — साफ़फ़ात में किया गया है । वह हम से कहते हैं :
और हमने इबराहीम को इसहाक़ वा याक़ूब (सा बेटा पोता) अता किया हमने सबकी हिदायत की और उनसे पहले नूह को (भी) हम ही ने हिदायत की और उन्हीं (इबराहीम) को औलाद से दाऊद व सुलेमान व अय्यूब व यूसुफ व मूसा व हारुन (सब की हमने हिदायत की) और नेकों कारों को हम ऐसा ही इल्म अता फरमाते हैं।
सूरए अनआम 6:85
और इसमें शक नहीं कि इलियास यक़ीनन पैग़म्बरों में से थे।
सूरए अस साफ़्फ़ात 37:123-132
इल्यास का ज़िक्र युहन्ना (यहया) और येसू (ईसा अल मसीह) के साथ किया गया है क्यूंकि वह भी बाइबिल के नबियों में से एक हैं । जैसा बयान किया गया है कि इल्यास (एलियाह) ने बाल देवता के नबियों का सामना किया । इस सयाक़े इबारत को बड़ी तफ़सील के साथ यहाँ बाइबिल में कलमबंद किया गया है । ज़ेल में जो बरकत हमारे लिए रखा गया है उसकी हम तलाश करते हैं (आने वाली नसल के लिए जिस तरह सूरा अस साफ़फ़ात वायदा करता है) ।
नबी हज़रत इल्यास और बा’ल के नबियों के लिए इम्तहान
एलियाह एक सख्त आदमी था जिसने 450 बाल देवता के नबियों का सामना किया । इतने लोगों का मुक़ाबला वह कैसे कर सकता था ? बाइबिल हमें समझाती है कि उसने एक शातिराना इम्तिहान का इस्तेमाल किया । उन्हें और बाल देवता के नबियों को एक जानवर की क़ुरबानी देनी थी मगर वह दोनों ही उस क़ुरबानी को जलाने के लिए उसमें आग नहीं लगाएंगे । (वह दोनों) एक तरफ़ एलियाह अकेले खड़ा हुआ था और दूसरी तरफ़ उस के मुकाबले में बाल देवता के नबी थे । हरेक तरफ़ से अपने अपने ख़ुदा, देवता को बुलाना था ताकि राखी हुई क़ुरबानी में आग भेज कर उसे भसम करदे । जिस किसी का ख़ुदा या देवता आसमान से आग भेज कर क़ुरबानी को जलाकर भस्म करदे वही सच्चा देवता या जिंदा खुदा माना जाएगा । सो उन 450 बाल देवता के नबियों ने पूरे दिन भर बाल को पुकारा कि आसमान से आग भेज कर उनकी क़ुरबानी को जलाकर भस्म करदे –– मगर आसमान से कोई आग नाजिल नहीं हुई । फिर एलियाह ने अपने ख़ालिक़ को पुकारा कि आसमान से आग नाजिल हो और उसकी क़ुरबानी को जला कर भस्म कर दे , और फ़ौरन आसमान से आग नाजिल हुई और उसकी ऊँई तमाम चीजों को जला कर राख कट दिया । वह लोग जिन्हों ने इस मुक़ाबले की गवाही दी वुन्हों ने मालूम कर लिया कि कौन सच्चा ख़ुदा है और कौन झूठा । इस तरह बाल देवता लोगों की नज़र में झूठा साबित हुआ ।
हम इस मुकाबले के गवाह तो नहीं हैं मगर हम एलिया के इस हिकमत ए अमली का पीछा कर सकते हैं यह जान्ने के लिए कि अगर एक पैग़ाम या एक नबी खुदा की तरफ़ से आता है तो उसकी जांच इस तरिके से करनी है सिर्फ़ खुदा और उसके पैग़म्बर ही कामयाब हो सके और वह लोग जो महज़ इंसानी क़ाबिलियत के साथ हो जैसे बाल देवता के पुजारी नहीं हो सकते ।
इल्यास की जांच आज के दौर में
इल्यास की रूह में होकर ऐसी कौनसी हो सकती है ?
सूरा अन नज्म हम से कहता है
आख़ेरत और दुनिया तो ख़ास ख़ुदा ही के एख़्तेयार में हैं।
सूरए अन नज्म 53:25
आक़िबत की साड़ी चीज़ें सिर्फ़ खुदा ही जानता है, यहाँ तक कि ख़ात्मा जब वाक़े होता है ।बनी इनसान ख़ातिमे की चीज़ों को उन के वाक़े होने से पहले नहीं जनता उसको तब ही जनता है जब वह आकर गुज़र जाए । इसलिए जांच यह देखने के लिए होती है कि अगर पैग़ाम वाक़े होने के बहुत पहले मुस्तकबिल की पेशबीनी सही तरीक़े से की जाए । कोई भी इंसान या मूरत (देवता) इसे नहीं कर सकता । सिर्फ़ खुदा कर सकता है ।
कई एक अजीब काम नबी हज़रत ईसा अल मसीह जिसतरह इंजील शरीफ़ में ज़ाहिर किये एक सही ख़ुदा का पैग़ाम है, या फिर चालाक लोगों के ज़रिये ईजाद किया हुआ है । तो हम इल्यास की जांच को इस सवाल के लिए नाफ़िज़ कर सकते है । तौरात और ज़बूर की किताबें नबियों की किताबों के साथ जिन में इल्यास का बयान है इन्हें नबी हज़रत ईसा अल मसीह के ज़माने से सदियों साल पहले लिखे गए थे ।इन्हें यहूदी नबियों के ज़रिये लिखे गए थे और इस तरह से यह ‘मसीही’ तहरीर नहीं थे । क्या इन क़दीम तहरीरों में नबुवतें पाई जाती हैं जो सही तोर से नबी हज़रत ईसा अल मसीह के वाक़ियात की पेश बीनी करते हैं ? जिन नबुवतों का ज़िक्र तौरेत में दिया गया है यहाँ उसका ख़ुलासा पेश किया गया है । ज़बूर में और उसके बाद की नबियों की किताबों में जो नबुवतें पाई जाती है उन का खुलासा यहाँ पेश किया गया है । अब आप नबी हज़रत इल्यास की तरह जांच कर सकते है यह देखने के लिए कि अगर नबी हज़रत ईसा अल मसीह जैसे इंजील शरीफ़ में बयान किया गया है क्या वह खुदा की तरफ़ से सच्चे नबी हैं, या आदमियों के ज़रिये एक झूटी ग़लत बयानी है ।
सूरा अल -अनआम ने नबी हज़रत यहया और ईसा अल मसीह के साथ हज़रत इल्यास के नाम का ज़िकर किया । दिलचस्पी की बात यह है कि पुराने अहद नामे की आखरी किताब में नबी हज़रत इल्यास की बाबत नबुवत की गयी है कि वह हज़रत मसीह की आमद के लिए हमारे दिलों को तैयार करने आएँगे । हम इंजील शरीफ़ में देखते हैं कि किस तरह नबी हज़रत यहया नबी इल्यास की शक्ल में आये ताकि लोगों को तस्कीन और तसल्ली दे और उन्हें नबी हज़रत ईसा अल मसीह के कलाम को सुनने और उनकी आमद के लिए दिलों को तैयार करे । नबी हज़रत इल्यास की शख्सियत खुद ही यहया नबी और नबी हज़रत ईसा अल मसीह की नबुवतों में बंध कर रह गयी है ।