सूरा अल – मुनाफ़िक़ून (सूरा 63 – फ़रेबि लोग) बयान करता है कि कुछ लोग जिन्हों ने हज़रत मुहम्मद (सल्लम) के हक़ में गवाही दी मगर बाद में उन्हें नाकारा और झूटा पाया गया I
(ऐ रसूल) जब तुम्हारे पास मुनाफेक़ीन आते हैं तो कहते हैं कि हम तो इक़रार करते हैं कि आप यक़नीन ख़ुदा के रसूल हैं और ख़ुदा भी जानता है तुम यक़ीनी उसके रसूल हो मगर ख़ुदा ज़ाहिर किए देता है कि ये लोग अपने (एतक़ाद के लिहाज़ से) ज़रूर झूठे हैंइन लोगों ने अपनी क़समों को सिपर बना रखा है तो (इसी के ज़रिए से) लोगों को ख़ुदा की राह से रोकते हैं बेशक ये लोग जो काम करते हैं बुरे हैं
सूरा अल मुनाफ़िकून 63:1-2
फ़रेबी लोगों के मुक़ाबले में सूरा अज़ – ज़मर (सूरा 19 – गिरोह) ईमानदार गवाहों का बयान करता है I
और ज़मीन अपने परवरदिगार के नूर से जगमगा उठेगी और (आमाल की) किताब (लोगों के सामने) रख दी जाएगी और पैग़म्बर और गवाह ला हाज़िर किए जाएँगे और उनमें इन्साफ के साथ फैसला कर दिया जाएगा और उन पर ( ज़र्रा बराबर ) ज़ुल्म नहीं किया जाएगा
सूरा अज़ – ज़मर 39:69
ईसा अल – मसीह के ज़माने में एक सच्चा गवाह एक शहीद कहलाता था I और एक शहीद वह होता था जो सच्चे वाक़िआत कि गवाही दे I ईसा अल – मसीह ने अपने शागिर्दों को शहीद कहा I
परन्तु जब पवित्र आत्मा तुम पर आएगा तब तुम सामर्थ पाओगे; और यरूशलेम और सारे यहूदिया और सामरिया में, और पृथ्वी की छोर तक मेरे गवाह होगे।
आमाल 1:8
लफ़्ज़ शहीद सिर्फ़ उन लोगों के लिए इस्तेमाल होता था जो ईमानदार गवाह होते थे I
मगर लफ़्ज़ शहीद को रसूलों के ज़माने में बहुत ज़ियादा इस्तेमाल किया जाता था I मैं ने सुना है कि जब कोई शख्स किसी जंग में हलाक हो जाता था या फ़िरक़ावाराना झगड़े में मारा जाता था तो उसको आम तोर पर एक ‘शहीद’ बतोर हवाला दिया जाता था (और शायद जो उनके खिलाफ़ में लड़ते थे उन्हें ‘काफ़िर’ कहा जाता था) I
मगर क्या यह सही है ? इंजील ए शरीफ़ इस बात को बयान करती है कि किस तरह नबी यहया अलैहिस सलाम हज़रत ईसा अल – मसीह कि खिदमत गुज़ारी के दौरान शहीद हुए I और हज़रत ईसा अल – मसीह ने उनकी शहीदी मौत को लेकर एक बड़ा नमूना साबित किया कि हम इसको कैसे समझें I यहाँ आप देखें कि इंजील ए शरीफ़ किस तरह इन वाक़िआत को क़लमबंद करती है I
स समय चौथाई देश के राजा हेरोदेस ने यीशु की चर्चा सुनी।
मत्ती 14:1-12
2 और अपने सेवकों से कहा, यह यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला है: वह मरे हुओं में से जी उठा है, इसी लिये उस से सामर्थ के काम प्रगट होते हैं।
3 क्योंकि हेरोदेस ने अपने भाई फिलेप्पुस की पत्नी हेरोदियास के कारण, यूहन्ना को पकड़कर बान्धा, और जेलखाने में डाल दिया था।
4 क्योंकि यूहन्ना ने उस से कहा था, कि इस को रखना तुझे उचित नहीं है।
5 और वह उसे मार डालना चाहता था, पर लोगों से डरता था, क्योंकि वे उसे भविष्यद्वक्ता जानते थे।
6 पर जब हेरोदेस का जन्म दिन आया, तो हेरोदियास की बेटी ने उत्सव में नाच दिखाकर हेरोदेस को खुश किया।
7 इसलिये उस ने शपथ खाकर वचन दिया, कि जो कुछ तू मांगेगी, मैं तुझे दूंगा।
8 वह अपनी माता की उक्साई हुई बोली, यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले का सिर थाल में यहीं मुझे मंगवा दे।
9 राजा दुखित हुआ, पर अपनी शपथ के, और साथ बैठने वालों के कारण, आज्ञा दी, कि दे दिया जाए।
10 और जेलखाने में लोगों को भेजकर यूहन्ना का सिर कटवा दिया।
11 और उसका सिर थाल में लाया गया, और लड़की को दिया गया; और वह उस को अपनी मां के पास ले गई।
12 और उसके चेलों ने आकर और उस की लोथ को ले जाकर गाढ़ दिया और जाकर यीशु को समाचार दिया॥
सब से पहले हाँ देखते हैं कि यहया नबी को क्यूँ गिरफ्तार किया गया था I मक़ामी बादशाह हेरोदेस अपने भाई कि बीवी को उस के पास से ले लिया था और उसको अपनी बीवी बना लिया था I और यह मूसा की शरीअत के खिलाफ था I नबी यहया ने सारे आम कह दिया था कि यह उसके लिए जाइज़ नहीं है I मगर यह बिगड़ा हुआ बादशाह बजाए इसके कि नबी कि बात सुनता उसने नबी यहया को गिरफ़्तार कर लिया और उसे क़ैद में डलवा दिया I वह जो औरत थी नई शादी के मज़े लूट रही थी और उसकी एक बालिग लड़की भी थी I उस औरत को घमंड था कि अब मैं एक ताक़तवर बादशाह की बीवी हूँ मैं जो चाहे वह कर सकती हूँ I सो उसने चाहा कि नबी यहया का मुंह हमेशा के लिए बहड़ कर दूँ I इस साज़िश के तहत उस ने अपनी बालिग लड़की का इस्तेमाल किया और अपने शौहर और उसके दोस्तों के सामने नाच रंग कि मेहफिल का इंतज़ाम किया I उस लड़की के नाच से हेरोदेस इतना मुताससिर हुआ कि वह उससे वादा कर बैठा कि जो कुछ वह चाहेगी उसे दिया जाएगा I उसकी माँ ने लड़की को चुपके से बुलाकर कहा कि यहया नबी का सर अभी इसी वक़्त मंगवाले I उसकी इस मांग पर हेरोदेस को अफ़सोस तो हुआ मगर मेहमानों के सबब से मजबूर होकर उसने एक सिपाहो हुक्म दिया हज़रत यहया का सर काट कर लाया जाए I नबी यहया जो सच बोलने के सबब से क़ैद में थे उनका सर काट कर थाल में ले जाया गया I एक लड़की के सिर्फ़ एक श्हवानी नाच ने मेहमानों के सामने बादशाह को जाल मे फंसाया I
हम यह भी देखते हैं कि नबी हरत यहया ने किसी से कभी लड़ाई झगड़ा नहीं किए थे न ही उनहों ने कभी बादशाह को हलाक करने की कोई साज़िश रची थी I वह सिर्फ़ सच बोलते थे इसलिए वह एक बिगड़े हुए बादशाह को तंबीह देने से नहीं डरे I हालांकि हज़रत यहया के पास कोई ज़मीनी ताक़त नहीं थी कि उस बादशाह के इख्तियार को ललकारे I उनहों ने सच बोला इसलिए कि उन्हें ख़ुदा कि शरीअत से लगाव था जो हज़रत मूसा के मुबारक हाथों से दी गई थी I यह आज के दौर के लिए एक अच्छी मिसाल है कि हम कि तरह (सच बोलने के जरिये) झूठ का मुक़ाबला कर सकते हैं जिस के लिए हम लड़ते हैं I (यही नबियों की सच्चाई है) I नबी यहया अलैहिससलाम ने कभी बादशाह को मरने की कोशिश नहीं की जो एक तहरीक की तरफ़ ले जाए या एक जंग की शुरुआत करे I
नबी यहया की शहादत का अंजाम
उसकी पहुँच बहुत ज़ियादा कारगर साबित हुई I नबी यहया के क़त्ल के सबब से बादशाह के ज़मीर को बहुत धक्का लगा I वह खौफ़ ज़दह होगया और घबरा गया I वह नबी हज़रत ईसा अल मसीह की ज़बरदस्त तालीम और मोजिजों को देखकर घबरा गया था कि सोच बैठा कि कहीं हज़रत यहया वापस मुरदों में से ज़िंदा तो नहीं होगाए ?
हेरोदेस ने चालाकी से जो हज़रत यहया का क़त्ल करवाया था उसकी कोई क़द्रों क़ीमत नहीनरह गई थी I उसका मंसूबा एक ज़ालिमाना मंसूबे की एक अच्छी मिसाल थी यहाँ तक कि यह सूरा अल फ़ील की भी I सूरा अल — फ़ील (सूरह 105 – हाथी)
ऐ रसूल क्या तुमने नहीं देखा कि तुम्हारे परवरदिगार ने हाथी वालों के साथ क्या किया,क्या उसने उनकी तमाम तद्बीरें ग़लत नहीं कर दीं (ज़रूर)और उन पर झुन्ड की झुन्ड चिड़ियाँ भेज दीं,जो उन पर खरन्जों की कंकरियाँ फेकती थीं
रा अल – फ़ील 105:1-4
हज़रत ईसा अल – मसीह ने हज़रत यहया की बाबत जो बात कही उसका बयान देखें :
7 जब वे वहां से चल दिए, तो यीशु यूहन्ना के विषय में लोगों से कहने लगा; तुम जंगल में क्या देखने गए थे? क्या हवा से हिलते हुए सरकण्डे को?
मत्ती 11:7-15
8 फिर तुम क्या देखने गए थे? क्या कोमल वस्त्र पहिने हुए मनुष्य को? देखो, जो कोमल वस्त्र पहिनते हैं, वे राजभवनों में रहते हैं।
9 तो फिर क्यों गए थे? क्या किसी भविष्यद्वक्ता को देखने को? हां; मैं तुम से कहता हूं, वरन भविष्यद्वक्ता से भी बड़े को।
10 यह वही है, जिस के विषय में लिखा है, कि देख; मैं अपने दूत को तेरे आगे भेजता हूं, जो तेरे आगे तेरा मार्ग तैयार करेगा।
11 मैं तुम से सच कहता हूं, कि जो स्त्रियों से जन्मे हैं, उन में से यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले से कोई बड़ा नहीं हुआ; पर जो स्वर्ग के राज्य में छोटे से छोटा है वह उस से बड़ा है।
12 यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले के दिनों से अब तक स्वर्ग के राज्य पर जोर होता रहा है, और बलवान उसे छीन लेते हैं।
13 यूहन्ना तक सारे भविष्यद्वक्ता और व्यवस्था भविष्यद्ववाणी करते रहे।
14 और चाहो तो मानो, एलिय्याह जो आनेवाला था, वह यही है।
15 जिस के सुनने के कान हों, वह सुन ले।
यहाँ हज़रत ईसा अल मसीह तौसीक़ करते है कि हज़रत यहया एक बहुत बड़े नबी थे I और वह ऐसे नबी थे जिनको दुनया में एक ‘तयार करने वाला’ बतोर आने के लिए बा क़ाइदा नबुवत की गई थी I उनका ख़ुदा कि बादशाही में दाखिल होना आज के दिन को बर्दाश्त करता है जबकि बादशाह हेरोदेस जो बहुत ही ताक़तवर था जो हज़रत यहया के बाद में आता है उसके पास कुछ नहीं था क्यूंकी उसने नबियों के आगे सौंपे जाने से इंकार कर दिया था I
नबी हज़रत यहया के ज़माने में हेरोदेस जैसे कई एक हमलावर और क़ातिल थे इसी तरह आज भी बहुत से हमलावर लोग हैं जो कई एक मासूमों की जान लेते है I यही वह हमलावर लोग है जो आसमान की बादशाही को दूर लेजाते हैं मगर वह उस में दाखिल नहीं होंगे I आसमान की बादशाही में दाखिल होने का मतलब है जिस राह पर हज़रत यहया चलते थे उसी को अपनाना होगा मतलब यह कि एक सच्ची गवाही को लेकर कलना होगा I अगर हम उनके बताए हुए रास्ते पर चलते हैं तो हम समझदार गिने जाएंगे I हम उनकी राहों पर न चलें जो मौजूदा ज़माने में हमलावर है I